मुझे पढो तो ज़रा अहतियात से पढना
मुझे पढो तो ज़रा अहतियात से पढना खुद अपनी जात में बिखरी हुई किताब हूँ मैं ......
Saturday, September 11, 2010
आज छोड़ दिया उन्होंने हमारा साथ
आज छोड़ दिया उन्होंने हमारा साथ
वो किसी और का दामन पकडे बैठे हैं
क्यों नहीं भूलते हम उनकी हर बात
क्यों उनकी यादो को दिल से लगाये बैठे हैं !!
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