Monday, June 28, 2010


खुद अपनी पहचान से अंजान हूँ मैं



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खुद अपनी पहचान से अंजान हूँ मैं,

अपनी पहचान आपसे करवाऊँ कैसे ??

कुछ सिमटी हुई छोटी सी दूनिया है मेरी ,

इस दिल की गहराइयों में आपको ले जाऊं कैसे ??

आसमान की ऊँचाइयों तक मेरे ख्वाब बिखरे हैं ,

अपने अरमानों की हद आपको दिखाऊँ कैसे ??

मुस्कुराना मेरी आदत है आंसुओं को छुपा कर ,

पर हर ग़म को अपनी हसी से बहलाऊँ कैसे ??

दोस्ती ही मेरी चाहत है और दोस्त मेरी ज़िन्दगी ,

इश्क से अपनी बेरुखी का सबब बताऊँ कैसे ??

होकर मेरी सरहदों में शामिल आप ही जान लो मुझे ,

किस्सी और तरह आपको खुद से मिलवाऊँ कैसे ?

"ज़िन्दगी



"ज़िन्दगी ,
तुझे,
मेरी खुशियाँ रास नहीं,
और,
मुझे समझौता ,
बता,
फिर कैसे हँसकर,
मिलन हो तुझसे "

Friday, June 18, 2010

हमारी ये यादे.......




बड़ी हसीन और खूबसूरत होती है यादे,
भुलानेसे भी नहीं भुलाई जाती यह यादे,
इन्सान को पलभर के लिए मुस्कुरा देती है यादे,
कभी रुलाती और कभी हसती है यादे,
हर जिद मिट जाती है लेकिन नहीं मिटती यादे,
हम रहे या न रहे पैर हमेशा रहेंगी हमारी यादे,
अकेले में तन्हाई को दूर करेगी हमारी ये यादे,
एक दिन हम नहीं रहेंगे बस रह जाएँगी हमारी ये यादे.......

Wednesday, June 16, 2010

अब मैं खामोश रहना चाहती हूँ




अब मैं खामोश रहना चाहती हूँ
मेरे दिल मैं क्या है दबाना चाहती हूँ
खुद को वक़्त के हवाले करना चाहती हूँ
समाज की तीखी निगाहों से बचना चाहती हूँ
मेरे हमसफ़र मेरे हमराज़
आपकी मोहब्बत ने कर दिया दीवाना इस कदर
अब आपका नाम भी अपने साथ लगाना चाहती हूँ
जानती हूँ ये दुनियां कभी सवीकार नहीं करेगी
मै आपकी ही बन कर जीना चाहती हूँ
चाहे दुनिया मुझे मीरा पुकारे या राधा
मैं तो बस आपकी ही हो कर मर जाना चाहती हूँ

Monday, June 14, 2010

चले जायेंगे तेरी दुनिया छोड़ कर हम.........


चले जायेंगे तेरी दुनिया छोड़ कर हम.........

ज़िन्दगी तुझ से हर इक सांस पे समझौता करूं?

शौक जीने का है मगर इतना भी नहीं.........