मुझे पढो तो ज़रा अहतियात से पढना
मुझे पढो तो ज़रा अहतियात से पढना खुद अपनी जात में बिखरी हुई किताब हूँ मैं ......
Friday, June 24, 2016
Tuesday, November 23, 2010
Yeh saas tut jaaye to aur baat hai…
Ae dost tu dil ke aur paas aane laga..
Aapko bhool jau umar guzarne ki.....
Saturday, September 11, 2010
Thursday, August 12, 2010
उसे इतना चाहती क्यों हो ?
आज इतनी चुपचाप और उदास क्यों हो ?
आज से पहले तो तुम भी न थीं ऐसी,
फिर आज क्यों हो ?
क्या किसी से दिल लगा बैठे हो तो उदास क्यों हो ?
तोड़ा है किसी ने दिल तुम्हारा तो परेशान क्यों हों ?
बहुत है चाहने वाले तुम्हें दुनिया में,
इस तरह खामोश क्यों हो ?
कोई और होगा अच्छा किस्मत में तुम्हारी
फिर इतनी गम में डूबी क्यों हो ?
उसे क्या पता तुम क्या हो,
तुम उसके लिये इतनी बैचेन क्यों हो ?
जिसे नहीं फिक्र तुम्हारी, उसे इतना चाहती क्यों हो ?
मौत के संग वफ़एः दफ़न नही होती
मौत के संग वफ़एः दफ़न नही होती
सच्ची मोहब्बत की आदाय काम नही होती
यक़ीन ना होता जो तुझ पर इस दिल को
तेरे दिल में इस मोहब्बत की आच पनपी ना होती
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