Friday, June 24, 2016

आँखों में तेरी ही सूरत बसी है

मुझे फिर तबाह कर मुझे फिर रुला जा,
सितम करने वाले कहीं से तू आजा,
आँखों में तेरी ही सूरत बसी है,
तेरी ही तरह तेरा ग़म भी हंसीं है..

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