मुझे पढो तो ज़रा अहतियात से पढना
मुझे पढो तो ज़रा अहतियात से पढना खुद अपनी जात में बिखरी हुई किताब हूँ मैं ......
Thursday, April 15, 2010
उनकी याद
हम उनकी याद में रोते बहुत हैं
कैसे बताये उन्हें वो याद आते बहुत हैं
वो पल जो साथ बीताये हमने
वो हर बात याद आती बहुत हैं
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