Thursday, April 15, 2010


ज़िन्दगी एक किताब की तरह हैं

उसके पन्नो की तरह

ज़िन्दगी भी पलटती रहती हैं

कब कोन सी कहानी शुरू हो जाये पता नहीं

जब इस ज़िन्दगी रूपी किताब के पन्ने ख़तम होंगे

तो जिंदगी भी ख़तम हो जाएगी

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