मुझे पढो तो ज़रा अहतियात से पढना
मुझे पढो तो ज़रा अहतियात से पढना खुद अपनी जात में बिखरी हुई किताब हूँ मैं ......
Thursday, August 12, 2010
मैं कल तक रुक न पाउंगी..
वक्त कहता है मैं फिर न आउंगी..
तेरी आँखों को अब न रुलाउंगी..
जीना है तो इस पल को जी ले..
मैं कल तक रुक न पाउंगी..
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