Thursday, August 12, 2010

में लफ्जों से कुछ भी इज़हार नहीं करती,

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में लफ्जों से कुछ भी इज़हार नहीं करती,
इसका मतलब ये नहीं की मैं उससे प्यार नहीं करती,
चाहती हूँ मैं उसे आज भी,
पर उसकी सोच में अपना वक़्त बेकार नहीं करती,
तमाशा न बन जाये कहीं मोहब्बत मेरी,
इसलिए अपने दर्द का इज़हार नहीं करती,
जो कुछ मिला है उसी में खुश हूँ मैं,
उसके लिए खुदा से तकरार नहीं करती,
पर कुछ तो बात है उसकी बातों में,
वरना उसे चाहने की खता बार-बार नहीं करती..

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