Saturday, September 12, 2009

याद ही आता रहा .....


वो अपनी सारी नफरतें मुझ पे लुटाता रहा...
मेरा दिल जिसको सदा मोहब्बत्तें सिखाता रहा...
उस की आदत का ज़रा यह पहलु तो देखो...
मुझसे किए वादे वोह किसी और से निभाता रहा .....
कुछ खबर नहीं वो शख्स क्या चाहता था ......
के तालुक तोड़ कर भी मुझ को आजमाता रहा ....
टूटे हुए तालुक में भी कितनी मजबूती है.....
मैं जितना भूलती रही वो उतना याद ही आता रहा .....

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