मुझे पढो तो ज़रा अहतियात से पढना
मुझे पढो तो ज़रा अहतियात से पढना खुद अपनी जात में बिखरी हुई किताब हूँ मैं ......
Monday, September 14, 2009
अपना भी नसीब नहीं हुआ
मांगी थी दुआ आशियाने की...
मगर खंडर भी नसीब नहीं हुआ
चाह थी दिल में मोहब्बत की
मगर कोई अपना भी नसीब नहीं हुआ ......
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