मुझे पढो तो ज़रा अहतियात से पढना
मुझे पढो तो ज़रा अहतियात से पढना खुद अपनी जात में बिखरी हुई किताब हूँ मैं ......
Monday, September 14, 2009
मेरी किस्मत मे नहीं हो तुम
इक दिन उसने पूछा
की मै कहाँ हूँ
मैंने कहाँ
मेरे दिल मै
मेरी जान मै हो तुम
मेरी सांस मे हो तुम
मेरी आस मे हो तुम
मेरी दिल की धडकनों मे हो तुम
मेरी आखरी सांस मे हो तुम
फिर पूछा मुझसे कहाँ नहीं हूँ मैं
मैंने रुक के कहाँ
बस मेरी किस्मत मे नहीं हो तुम
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