मुझे पढो तो ज़रा अहतियात से पढना
मुझे पढो तो ज़रा अहतियात से पढना खुद अपनी जात में बिखरी हुई किताब हूँ मैं ......
Tuesday, September 15, 2009
जाने कब मेरी रुह को सुकून आएगा.......
जाने कब तेरा नाम मेरी जिंदगी से जाएगा
और जाने कब मुझे तेरे बिन जीना आएगा
अब तक तो काटती है पल पल यह जिंदगी
जाने कब मेरी रुह को सुकून आएगा.......
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment