मुझे पढो तो ज़रा अहतियात से पढना
खुद अपनी जात में बिखरी हुई किताब हूँ मैं ......
Tuesday, September 15, 2009
हार मेरे नाम करदो !!! ....
आगाज़ मैंने किया था तुम इख्तेताम करदो ! .... जब चाहो मेरे जज्बों को बेनाम करदो ! .... बात अगर, ज़र्फ़....की है !! तोह यूँ करो.... तुम जीत जाओ ! हार मेरे नाम करदो !!! ....
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